इंदौर में एक ही रात में तीन सड़क हादसे: सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती की मौत, दो अन्य घायल
इंदौर | 20 जुलाई 2025
इंदौर शहर में बीती रात तीन अलग-अलग सड़क हादसों ने चिंता बढ़ा दी है। एक हादसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घटनाओं में कार सवार युवक घायल हुए।
पार्टी के रास्ते में ट्रक ने मारी टक्कर, इंजीनियर युवती की मौत
पहली और सबसे दुखद घटना तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में तिल्लोर के पास हुई, जहाँ एक ट्रक ने बाइक सवार आस्था सिंह सेंगर और उसके दोस्त जितेंद्र को टक्कर मार दी।
आस्था, जो यूपी के अकबरपुर की रहने वाली थी, इंदौर की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी। वह चार महीने पहले ही इंदौर आई थी और केसरबाग रोड पर किराए से रहती थी। शनिवार देर रात वह अपने दोस्तों के साथ राजपूत ढाबे पर पार्टी के लिए निकली थी। उसी दौरान हादसा हो गया।
हादसे में घायल आस्था को पहले ट्रॉमा सेंटर और फिर गंभीर हालत में जूपिटर अस्पताल ले जाया गया, जहां रविवार सुबह करीब 5:30 बजे उसकी मौत हो गई। दोस्त जितेंद्र की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
परिवार के अनुसार आस्था बीटेक करने के बाद पहली बार नौकरी के लिए इंदौर आई थी। रिश्तेदारों ने यह भी आरोप लगाया है कि जितेंद्र की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
तेजाजी नगर में दूसरा हादसा: पलटी कार, युवक घायल
इसी थाना क्षेत्र में रात एक और हादसा हुआ, जिसमें MP09 ZM 0482 नंबर की कार पलट गई। कार में सवार युवकों को एयरबैग खुलने की वजह से मामूली चोटें आईं। एक युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी युवक सुरक्षित हैं।
लसूड़िया में तीसरा हादसा: अंधे मोड़ पर तेज रफ्तार कार गड्ढे में गिरी
तीसरी घटना लसूड़िया थाना क्षेत्र की स्कीम नंबर 136 में हुई। MP13 ZL 1111 नंबर की कार तेज रफ्तार में ब्रिलियंट चौराहे से स्कीम 136 की ओर जा रही थी, जब एक अंधे मोड़ पर वह फुटपाथ तोड़कर लगभग 6 फीट गहरे प्लॉट में पलट गई। गनीमत रही कि चालक को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
🚨 पुलिस कर रही है जांच
तेजाजी नगर और लसूड़िया पुलिस ने संबंधित मामलों में जांच शुरू कर दी है। ट्रक चालक की पहचान और वाहन की तलाश की जा रही है।
🛑 सवाल उठते हैं…
इंदौर जैसे तेजी से बढ़ते शहर में रात के समय सड़क सुरक्षा को लेकर बार-बार उठ रहे सवालों के बीच ये तीनों हादसे फिर एक चेतावनी हैं — क्या हमारा ट्रैफिक सिस्टम, सड़कों की स्थिति और जागरूकता पर्याप्त है?
